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अपनी नई चुनौतियों के बारे में क्या कहते है झारखंड की पहली महिला रजिस्ट्रार नमिता सिंह और कोल्हान के नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक अजय चौधरी

Ranchi : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) के डीएसडब्ल्यू डॉ नमिता सिंह का चयन झारखंड लोक सेवा आयोग ने डीएसपीएमयू में ही रजिस्ट्रार के पद के लिए किया गया है. नमिता सिंह झारखंड के इतिहास की पहली महिला है, जिनका चयन रजिस्ट्रार के पद के लिए किया गया है. वही विश्वविद्यालय के प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ अजय कुमार चौधरी कोल्हान विश्वविद्यालय के अगले परीक्षा नियंत्रक होगे. डीएसपीएमयू के परीक्षा नियंत्रक के पद के लिए डॉ आशीष कुमार गुप्ता के नाम पर मुहर लगी है.

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नयी जिम्मेवारी संभालने में कोई परेशानी नहीं होगी

 Lagatar.in से बात करते हुए डॉ नमिता सिंह ने कहा कि वे पहले से इसी विश्वविद्यालय मे कार्यरत है, विश्वविद्यालय को समझती है, इसलिए उन्हे नयी जिम्मेवारी संभालने में कोई परेशानी नहीं होगी. लेकिन रजिस्ट्रार का पद टेक्निकल होता है, वह इस चुनौती की स्वीकार करती है, वह पद के तकनीकि पक्षों को जल्द से जल्द समझने का प्रयास करेगी, और विश्वविद्यालय के हित मे काम करेंगी.

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दस महीनें से डीएसपीएमयू में प्रभारी रजिस्ट्रार के पद संभाल रहे है

डॉ अजय कुमार चौधरी पिछले दस महीनें से डीएसपीएमयू में प्रभारी रजिस्ट्रार के पद संभाल रहे है. अब जेपीएससी ने उनका चयन कोल्हान विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक के पद पर किया है. डॉ चौधरी ने कहा वे विश्वविद्यालय में जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष थे. उन्हे जब विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का प्रभार दिया गया. तो अपने छोटे से कार्यकाल मे कई महत्वपूर्ण काम किए. अपनी उपलब्धी बताते हुए उन्होने कहा कि उन्होने विश्वविद्यालय का रंग रोगन कराया और सीनेट की लंबे समय से लंबित बैठक को संपन्न कराया, जिसमें कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए. सीनेट की बैठक काफी सफल साबित हुई. साथ ही उन्होनें कहा कि विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक का पद भी खाली था, वैसी स्थिति में उन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम किया. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी में देश में सबसे पहले सोशल डिसेटेंसिंग का पालन करते हुए परीक्षा ली गई थी.

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छात्रों की संख्या भी अधिक है

कोल्हान विश्वविद्यालय में अपनी नई जिम्मेवारी के बारे में उन्होने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय डीएसपीएमयू से काफी बडा और पुराना है. वहां छात्रों की संख्या भी अधिक है, साथ ही विश्वविद्यालय कई सुदूरवर्ती क्षेत्रो तक फैला हुआ है. वे अपने अनुभव के आधार पर वहां काम करेंगे, परीक्षा नियंत्रक के पद को वे चुनौती के तौर पर लेंगे.

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